किसान आत्मनिर्भरता योजना 2025 :-
"हर किसान बने उद्यमी – अपने खेत, अपना कारोबार"
🌱 हमारा लक्ष्य:
हर किसान के घर में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट और पौध नर्सरी इकाई स्थापित करवाकर
उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और स्थायी आमदनी का स्रोत तैयार करना।
🧑🌾 हम क्या देंगे?
✅ नि:शुल्क प्रशिक्षण:
वर्मी कम्पोस्ट कैसे बनाएं (केंचुआ चयन, गड्ढा, तापमान, नमी आदि)
पौध नर्सरी की संपूर्ण जानकारी (बीज, मिट्टी, बैग)
उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग कैसे करें
✅ सहायता सामग्री:
गुणवत्ता युक्त केंचुए (Eisenia fetida या स्थानीय नस्लें)
जैविक कचरे से खाद निर्माण तकनीक
पौध नर्सरी के लिए बीज, मिट्टी और पॉलीबैग
प्रचार हेतु बैनर, आईडी कार्ड, प्रमाण पत्र
✅ बाजार से जुड़ाव:
संस्थान के माध्यम से विक्रय सहयोग
जैविक बाजारों और मंडियों में संपर्क
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और सोशल मीडिया से बिक्री के विकल्प
🎯 योजना के उद्देश्य:
- किसानों की आमदनी 2 गुना से अधिक बढ़ाना
- हर गांव को जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण में आत्मनिर्भर बनाना
- ग्रामीण स्तर पर लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देना
💡 आपको क्या लाभ होगा?
- ✅ घर बैठे व्यवसाय
- ✅ उर्वर मिट्टी और रसायन मुक्त खेती
- ✅ गांव में रोजगार के अवसर
- ✅ कम लागत, अधिक मुनाफा
- ✅ सामाजिक सम्मान और प्रमाणन
👥 कौन जुड़ सकते हैं?
छोटे-बड़े किसान
बेरोजगार युवा
महिला स्व-सहायता समूह
कृषि क्षेत्र से जुड़े इच्छुक व्यक्ति
संस्थान की टीम द्वारा फॉर्म भरवाया जाएगा
3-दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लें
योजना से जुड़ने का प्रमाण पत्र प्राप्त करें
📣 हमारा संदेश:
🧑🌾 "अब खेत केवल खेती का नहीं – कमाई का केंद्र बनेगा"
🌾 "खाली ज़मीन को आमदनी में बदलें – मिट्टी से सोना उपजाएं"
🎉 हर गांव – एक नर्सरी, एक वर्मी यूनिट – एक आत्मनिर्भर किसान
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