कोल्ड स्टोरेज (शीत भंडारण) योजनाएँ — कृषि उत्पादों की सुरक्षा और मूल्य संवर्धन
राजस्थान सरकार तथा केंद्रीय/राज्य एजेंसियाँ किसानों और कृषक समूहों को कोल्ड स्टोरेज इकाइयों के निर्माण हेतु वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। यह पहल फल, सब्जी और अन्य नाशवंत कृषि उत्पादों के भंडारण की गुणवत्ता बनाए रखने और फसल पश्चात नुकसान कम करने के लिये है।
मुख्य विशेषताएँ
वित्तीय सहायता
केंद्र एवं राज्य सरकारें तथा वित्तीय संस्थान कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिये अनुदान, सब्सिडी और ऋण उपलब्ध कराते हैं। यह सहायता भूमि, निर्माण, मशीनरी और तकनीकी उपकरणों की खरीद में उपयोग की जा सकती है।
आधुनिक बुनियादी ढांचा
- भंडारण कक्षों का निर्माण और उचित रैक/शेल्विंग सिस्टम
- तापमान व आर्द्रता नियंत्रण उपकरण
- ऊर्जा दक्षता — सोलर विकल्प और स्वचालित नियंत्रण प्रणाली
उन्नत प्रौद्योगिकी
- कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर (Controlled Atmosphere) तकनीक
- कोल्ड चेन आधुनिकीकरण और निगरानी प्रणालियाँ
- मूल्य संवर्धन — ग्रेडिंग, पैकेजिंग और प्रोसेसिंग सुविधाएँ
मुख्य लाभ
- फसल-पश्चात नुकसान घटेगा: उत्पादों की ताजगी बनी रहती है और बर्बादी कम होती है।
- किसानों को बेहतर मूल्य: उपज को बाजार के अनुकूल समय पर बेचा जा सकता है।
- सप्लाई चेन मजबूत: ताज़ा उत्पाद सालभर उपलब्ध कराना संभव होता है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि: स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ते हैं।
कोल्ड स्टोरेज व्यवसाय शुरू करने के कदम
- व्यापार योजना: विस्तृत वित्तीय पूर्वानुमान, स्थान चयन, उपकरण व विपणन रणनीति बनायें।
- पूंजी जुटाना: बैंक ऋण, सरकारी अनुदान व निजी निवेश विकल्पों का मूल्यांकन करें।
- स्थान का चयन: परिवहन, बिजली, पानी और बाजार के समीप उपयुक्त स्थान चुनें।
- उपकरण और तकनीक: क्षमता व उत्पाद प्रकार के अनुसार मशीनरी का चयन करें।
- रखरखाव: समय-समय पर निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित करें।
- प्रचार और मार्केटिंग: किसानों और व्यापारिक संघों के साथ समन्वय कर जागरूकता फैलाएं।
उदाहरण संस्थाएँ
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) — कोल्ड स्टोरेज और गोदाम निर्माण के लिए ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) — कोल्ड स्टोरेज निर्माण हेतु सब्सिडी, दिशानिर्देश और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है।