मुख्य उद्देश्य:-
संस्थान की स्थापना "राजस्थान कृषि एंड डेयरी विकास संस्थान" का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों, पशुपालकों और उद्यमियों को आधुनिक, टिकाऊ और लाभकारी कृषि व डेयरी तकनीकों से सशक्त बनाना है। हम नवाचार, प्रशिक्षण, सहयोग और बाजार से जुड़ाव के माध्यम से ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करते हैं।
संस्थान का उद्देश्य पशुपालक किसान को प्रगतिशील बनाना और ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करना है संस्थान का उद्देश्य भारत में भारतीय पशुपालन और कृषि को बढ़ावा देकर भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास करना है। पशुपालन को बढ़ावा देने और पशु चारा उत्पाद को न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संस्थान ग्राम पंचायतों में कृषि एवं पशु सेवा संस्थान खोल रहा है और इससे ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने में भी मदद मिल रही है.
संस्थान" उन्नत कृषि कुशहाल पशुपालन" नामक योजना पर काम कर रहा है। भविष्य में देश के राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशु सेवा कृषि केन्द्र स्थापित करेगा। इन केन्द्रों की सहायता से पशुपालक किसान, पशुओं में टीकाकरण, मवेशियों से संबंधित उत्पादों की खरीद, बेहतर बीज, जैविक खाद, कृषि एवं पशुपालन उत्पाद में बेहतर लाभ ले सकते हैं।
संस्थान के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं-सामाजिक जागरुकता और जन चेतना के माध्यम से उन्नत खेती और पशुपालन तकनीकों का प्रशिक्षण ।
पशुओं में पोषण और स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के माध्यम से उनकी उत्पादकता को बढ़ावा देना
जानवरों के प्रति क्रूरता और अत्याचार के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना
विभिन्न योजनान्तर्गत संस्थान पंचायत स्तर पर पशु सेवा संस्थान के माध्यम से उचित मूल्य पर दुग्ध उत्पादन एवं पशुओं के उचित पोषण में वृद्धि हेतु उत्तम गुणवत्ता एवं उत्तम गुणवत्ता का उत्पाद उपलब्ध करा रहा है तथा देश के पशुधन के विकास के कारण, पशुपालक की आय में भी वृद्धि होती है। ऑर्गेनिक खेती व भूमि सुधार के बारे में किसानों को जागृत करना
संस्थान की स्थापना विभिन्न सदस्य इकाइयों की अनुभवी, तकनीकी रूप से कुशल टीम के साथ पशुपालन एवं कृषि के विकास के लिए की गई है। राजस्थान कृषि एंड डेयरी विकास संस्थान का उद्देश्य बेहतर उत्पादन के साथ आत्मनिर्भर किसान, पशुपालन द्वारा देश में दुग्ध क्रांति लाना और कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना, पशु पोषण, स्वास्थ्य, रोग की रोकथाम, पशु उत्पादन के साथ साथ उन्नत सहकारी कृषि कार्यक्रम को बढ़ावा देना है। और इसका भारत में कृषि के विकास पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
संस्थान की मुख्य गतिविधियों